उज्जैन। सनातन धर्म एवं अन्य धर्मों की अपनी-अपनी परंपरा होती है और उसे सभी लोग मानते हैं कुछ दिनों से महाकालेश्वर मंदिर की परंपरा एवं दर्शन व्यवस्थाओं को लेकर जिस तरह से मजाक बनाया जा रहा है वह असहनीय है। आरती की परंपरा एवं मंदिर की मर्यादा कोई भी व्यक्ति, समाज, अधिकारी एवं वीआईपीआकर भंग करता है तो इससे प्रतीत होता है कि मंदिर समिति एवं उससे जुड़े हुए पुजारी, पंडे, मंदिर की मर्यादा एवं परंपरा को सुरक्षित रखने में लाचार हो गये हैं। इस प्रकार का एक पत्र महाकाल सेना के धर्म प्रकोष्ठ प्रमुख राजेश बैरागी ने मुख्य मंत्री को लिखते हुए बताया कि आरती की मर्यादा एवं परंपरा को अनुचित मांगों को लेकर भंग की जा रही है। मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि मंदिर प्रबंध समिति, पुजारी, पुरोहित मर्यादा का पालन कराने में असक्षमता महसूस करते हैं तो महाकाल सेना को परंपरा, पवित्रता कायम रखने के लिए व्यवस्था सौंपी जाए। महाकाल सेना धर्म प्रकोष्ठ ने विश्वास दिलाया है कि मंदिर की मर्यादा को भंग करने वालों से उसी भाषा में बात की जाएगी जिस भाषा में लोग परंपरा को भंग करते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर की परंपरा किसी को भी तोड़ने नहीं दी जाएगी- महाकाल सेना
