ऑडियो वायरल मामले में 24 घंटे में हटाया शहर कांग्रेस अध्यक्ष।
उज्जैन। शहर में आज दिन भर सन्नाटा पसरा था, चर्चा सिर्फ शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया के 5 मिनट के ऑडियो वायरल की, दिन रविवार का था छुट्टी के दिन उज्जैन में ऑडियो वायरल की मची राजनीति सियासत ने भोपाल से दिल्ली तक भूचाल मचा दिया।
वहीं कांग्रेस मुस्लिम नेताओं ने प्रेस वार्ता लेकर शहर कांग्रेस अध्यक्ष को हटाने की बात कही ना हजम होने वाली इस बात पर पत्रकारों का सिर्फ यही सवाल था कि आखिर शहर कांग्रेस अध्यक्ष किस नेता से बात कर रहे थे और ऑडियो वायरल करने वाला कौन था…? मुस्लिम नेता इस ऑडियो वायरल को अपनी अपमानित सियासती बिरयानी को पत्रकारों के आगे परोस रहे थे।
लेकिन पत्रकारों के चुभते सवाल के बीच प्रेस वार्ता का समापन हो गया इस गहमागहमी में कॉन्ग्रेस शीर्ष नेतृत्व का शहर कांग्रेस अध्यक्ष को नोटिस जारी कर दिया और 03 दिन में जवाब देने का फरमान जारी कर दिया।
लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह सब काफी नहीं था वह चाहते थे कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद मुक्त हो, शाम होते होते यह भी हो गया। रवि भदोरिया को कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया गया।
महिदपुर में कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सोमवार को सभा होनी है, जिसमें कांग्रेस के कई पूर्व बागी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने की रणनीति बन चुकी हैं, सूत्र बताते हैं कि उज्जैन दक्षिण के भाजपा में शामिल एक बड़े नेता की वापसी भी तय है..! बताया जा रहा है कि कांग्रेस के बड़े लोकल रणनीतिकारों ने यह जमावड़ा पहले से ही जमा रखा था। जिसके चलते गुड्डू की एंट्री और शहर कांग्रेस की नो एंट्री इस जमावड़े का एक बड़ा हिस्सा थी।
साथ ही मालवा क्षेत्र में नाथ का चुनावी शंखनाद उज्जैन विधानसभा क्षेत्रों में नए बदलाव लाएगा। कॉन्ग्रेस और कांग्रेसी कमलनाथ की सभा को सुनने पहुंचेंगे।कांग्रेसी 2023 की पारी में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती पार्टी ने यह दिखा दिया की कार्यकर्ताओं की नाराजगी सर्वोपरि है, इसी क्रम में पीसीसी ने उज्जैन शहर कांग्रेस अध्यक्ष को पद मुक्त कर दिया।
वहीं दूसरी पार्टी बीजेपी रिस्क लेने में माहिर जिसके चलते इन दिनों खासा चर्चित भी है, फिर अगर बात करें महाकाल सप्त ऋषि मूर्तियां घोटाला की या फिर सिंहस्थ मास्टर प्लान, जेल में पीएफ घोटाला या फिर हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के ग्रामीण किसान कार्यकर्ताओं के साथ हुआ क्रेडिट घोटाला जिसमें सांसद पिए पुनीत जैन जैसे लोग शामिल हो उन पर कार्रवाई करने में बीजेपी रिस्क ले रही हैं। इतने सारे घोटालों के बावजूद भी बीजेपी आने वाले चुनाव को देखते हुए भी रिस्क लेते हुए निसंकोच में दिख रही है।
इन सब बातों को लेकर यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस नो रिस्क फार्मूला अपनाकर 2023 में सरकार बनने से पूर्व किसी विवाद में नहीं घिरना चाहती।