
जनता जनार्दन की पसंद को नकारने की राजनीतिक कोशिशें धराशायी हो गई। उज्जैन जनपद के चुनाव में कांग्रेस की जीत को जायज ठहराते हुए कोर्ट में यह साफ कर दिया कि इसमे कुछ भी नियम विरुद्ध नही हुआ है।
कोर्ट के फैसले से जहां माननीय की सांसे फूली होगी वहीं उनकी आग लगने जैसी धमकी कोरी लफ्फाजी साबित हुई। इसका असर 2023 के विधानसभा चुनाव पर पड़ना तय है।
दरअसल उज्जैन दक्षिण की राजनीति में इस समय भारी गर्मागर्मी देखने को मिल रही है और लोगो का गुस्सा भी सड़को पर देखने को मिल रहा है।
कांग्रेस नेता राजेन्द्र वशिष्ठ का सदबुद्धि यज्ञ असरकारक रहा है और इसे गांवों के साथ विक्रम विश्वविद्यालय में भी भारी समर्थन मिलता दिख रहा है।
कुल मिलाकर उज्जैन जनपद का परिणाम कांग्रेस के लिए संजीवनी बन गया है। कांग्रेस ने जमीन से अदालत तक इस लड़ाई को जिस तरह जीता है वह तरीफे काबिल है औऱ माननीय के लिए खतरे की घण्टी भी।