दरिद्र वो जो कड़वा बोले, स्वजनों से बैर रखे- स्वामी प्रेमानंदपुरीजी महाराज
7 दिवसीय श्रीमद् भागवत की पूर्णाहुति पर खेली फूलों की होली
विधि विधान से शादी होगी तो जीवन में तलाक नहीं होगा, घंटे भर की शादी होगी तो चार घंटे में तलाक होना ही है।
उज्जैन। सुदामा को लोग दरिद्र कहते हैं, लेकिन सुदामा दरिद्र नहीं थे, इतने स्वाभिमानी थे कि राजा मित्र होने के बाद भी कुछ मांगा नहीं, पत्नी के कहने पर मिलने गए। दरिद्र वो है जो कड़वी वाणी बोलता है भागवत में उसे दरिद्र कहा गया है, अपने स्वजनों से भाई बंधुओं से बैर करता है उसे भी भागवत में दरिद्र कहा गया है।
बड़े अफसोस का विषय है, आज भारत वर्ष के न्यायालयों में सबसे ज्यादा मुकदमे भाई और भाई के बीच में है। परिवार को संगठित रखने के प्रयास कीजिये, मां को भी चाहिये ब्याह के बाद अपनी लड़की के घर में कभी दखलंदाजी नहीं करे, उसको ज्ञान की बात बताओ, ममता है तो जो देना चाहते हो दो, पर संस्कार दो, संस्कृति सिखाओ, मनमुटाव नहीं।
यह बात बड़नगर रोड़ स्थित मोहनपुरा में श्री बाबा धाम मंदिर (अर्जी वाले हनुमान-81 फीट) पर श्रीमद् भागवत कथा में अनंत श्री विभूषित श्रीश्री 1008 वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंदपुरीजी महाराज पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने कही। मंदिर के महंत आदित्य पुरी (राजा भैया) एवं आयोजक गुलाब ठाकुर ने बताया कि स्व. श्री पंजुमल ठाकुर की प्रेरणा से पितृदोष समाप्त कर मोक्ष प्रदान करने वाली श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहुति 21 सितंबर को हुई।
शनिवार को श्री सुदामा चरित्र, सूची कथा, कथा विश्राम, व्यासपीठ पूजन, व्यासजी महाराज का पूजन हुआ। मयूर नृत्य एवं फूलों की होली उत्सव के साथ कथा की पूर्णाहुति हुई। महायज्ञ एवं महाप्रसादी का आयोजन किया गया। व्यासपीठ से महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंदपुरीजी महाराज ने कहा कि आज संस्कार और संस्कृति दोनों को संभालने की जरूरत है। कभी भी कोई मंगल कार्य करो तो अपनी संस्कृति और संस्कार का ध्यान रखो।
विवाह भी हमेशा वैदिक रिती से हो, विधि विधान से शादी होगी तो जीवन में तलाक नहीं होगा, घंटे भर की शादी होगी तो चार घंटे में तलाक होना ही है। महाराज जी ने गीत के माध्यम से जीवन जीने का तरीका बताते हुए कहा सुख में फूलों मति, दुख में भूलो मति, नाम रटते चलो, काम करते चलो, मुरली वाले को मन में बसाते चलो, कृष्ण गोविंद, गोपाल गाते चलो।
7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहुति पर आयोजक गुलाब कोठारी ने कथा के सफल आयोजन हेतु सभी का आभार व्यक्त किया। कथा दौरान प्रतिदिन देश विदेश से अर्जी वाले हनुमान के श्रीचरणों में हजारों अर्जियां लगी।
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