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विक्रम विश्वविद्यालय में अंधर्गिर्दी के खिलाफ एन.एस.यू.आई का प्रदर्शन। वीडियो देखें

विक्रम विश्वविद्यालय में अंधर्गिर्दी के खिलाफ एन.एस.यू.आई का प्रदर्शन।

कुलसचिव की तस्वीर पर कालिख पोत जूते से पीटा।

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त सह प्राध्यापक डाॅ. प्रशांत पौराणिक के द्वारा विश्वविद्यालय में फर्जी खरदी-फरोक्त के साथ ही आउट सोर्स और विजिटिंग विद्वानों की थोकबंद फर्जी नियुक्तियों से किये गये करोड़ों के भ्रष्टाचार की शिकायतें एन.एस.यू.आई. के द्वारा निरन्तर राजभवन सचिवालय एवं उच्च शिक्षा विभाग को की जा रही थी। 

डाॅ. प्रशांत पौराणिक की प्रतिनियुक्ति की सेवाऐं राज्यपाल के आदेशानुसार म.प्र.शासन उच्च शिक्षा विभाग ने 28 दिसम्बर 2022 को ही तत्काल प्रभाव से वापस ले लीं गई थी बावजूद डाॅ. पौराणिक को उच्च शिक्षा मंत्री के दबाव के चलते विश्वविद्यालय से रिलिव नहीं किया जा रहा था। डाॅ. पौराणिक ने उच्च न्यायालय इन्दौर में भी उन्हे हटाये जाने के आदेश पर स्थगन की मांग की थी, पर उन्हे उच्च न्यायालय से कोई राहत प्रदान नहीं मिलने के बाद डाॅ. पौराणिक अवैध रुप से विक्रम विश्वविद्यालय में कुलसचिव पद का प्रभार संभालते हुए फर्जी बिलों से खरीद-फरोक्त और अवैध नियुक्तियों के गौरख धंधे को अंजाम देने में संलग्न रहे हैं। 

डाॅ. पौराणिक ने वर्ष 2007 में हुई तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की 39 पदों के विरुद्धऋ 52 नियुक्तियों में फर्जी नियुक्ति प्राप्तकर्ता रमण सोलंकी को भी भ्रष्टाचार कर फर्जी उत्खनन प्रभारी का पद बनाकर, नियुक्ति दे दी थी जिसकी शिकायत सी.बी.आई. के समक्ष एन.एस.यू.आई. प्रदेश उपाध्यक्ष  प्रीतेश शर्मा ने की है जिस पर सीबीआई ने गंभीरता से संज्ञान ले कर मामले की जांच के लिये म.प्र.लोकायुक्त को अधिक्रत किया है। 

 

डाॅ. प्रशांत पौराणिक पर करोड़ों के आर्थिक भ्रष्टाचार, फर्जी नियुक्तियों के प्रथम द्रष्टया प्रमाणित आरोपों के बाद भी उच्च शिक्षा मंत्री के गृह नगर में ही उन्हे संरक्षण दिये जाने पर भी एन.एस.यू.आई. लगातार आंदोलनरत रही है। 12 अप्रेल 2023 को उच्च शिक्षा विभाग म.प्र.शासन ने पनुः आदेश जारी कर डाॅ. प्रशांत पौराणिक की सेवाऐं तत्कल प्रभाव से उनके मूल विभाग में किए जाने के बाद भी विक्रम विश्वविद्यालय से पौराणिक को रिलीव न कर कुलसचिव का प्रभार मौजूद उपकुलसचिवों में से किसी एक को न दिये जाने पर आज एन.एस.यू.आई. प्रदेश उपाध्यक्ष श्री प्रीतेश शर्मा, जिला अध्यक्ष अम्बर माथुर, प्रदेश सचिव तरुण गिरी के नेतृत्व में सेकड़ों छात्रों ने विश्वविद्यालय का घेराव किया साथ ही कुलपति डाॅ. अखिलेश कुमार पाण्डे का यह चेतावनी भी दी गई कि यदि उनके द्वारा राज्यपाल के आदेश से हटाए गए डाॅ. पौराणिक को विश्वविद्यालय से कार्यमुक्त न कर किसी अन्य कुलसचिव को प्रभार नहीं दिया गया तो एन.एस.यू.आई. अनवरत चरणबद्ध आंदोलन करेगी। डाॅ. पौराणिक को उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. मोहन यादव के दबाव में विश्वविद्यालय से न हटाया जाना राज्यपाल के आदेश की सरासर अव्हेलना को प्रमाणित कर रहा है। सामान्य कर्मचारी यदि उसके नियोक्ता के आदेश को न माने तो उसे निलम्बित कर उसकी सेवाऐं तक समाप्त कर दी जाती है पर भ्रष्टाचार के गौरख धंधों में लिप्त डाॅ. पौराणिक के शासकीय आदेशों की निरन्तर अव्हेलना के बाद भी उच्च शिक्षा मंत्रीजी का मौन यह बता रहा है कि, उनके दबाव में ही कुलपति राज्यपाल के आदेश की अव्हेलना कर पौराणिक को रिलीव करने का साहस नहीं दिखा पा रहे हैं। एन.एस.यू.आई. ने यह भी मांग की है कि, राज्यपाल के आदेश से हटाए जाने के बाद भी डाॅ. पौराणिक ने अवैध रुप से कुलसचिव पद पर काबिज रहते हुए जो खरीद फरोक्त की है अवैध नियुक्तियां की है और नीतिगत कार्यवाहियों में सहभागिता की है उसकी गंभीर जांच करवाई जा कर डाॅ. पौराणिक पर फर्जी तरीके से कुलसचिव पद पर काबिज रहने पर एफ.आई.आर. भी दर्ज करवाई जाए। राज्यपाल के आदेशानुसार हटाए गए डाॅ.पौराणिक केा शीघ्र ही विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद से नहीं हटाया गया तो एन.एस.यू.आई. उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। इसी क्रम में एन.एस.यू.आई.के प्रदर्शन के दौरान प्रदेश उपाध्याक्ष प्रीतेश शर्मा, के नेतृत्व में कुलसचिव के फोटो पर कालिख पोत जूतों से तस्वीर को पीटकर आक्रोश प्रकट किया गया।मौजूद जिला अध्यक्ष अम्बर माथुर, प्रदेश सचिव तरुण गिरी, और बबलू खिची के साथ ही दीपेश जैन,यश जैन , हर्ष चैहान, जितेन्द्र चैधरी, अर्पित यादव, आदित्य धेपते, गोतम बैरागी, योगेश शर्मा, किशन सिंह राजपूत, नयन काले बिट्टू चैकशे, सोनू परमार सहित सेकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।

कलम से सत्य की गूंज...

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