आखिर किस बात के 20% की देते हैं दलाली।
उज्जैन शहर में एडवाइजरी का धंधा जोरों से चालू है वही जिम्मेदार इन्हें सरक्षण देकर व्यापार ठगी के धंधे में इनका खूब साथ दे रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि AK बिल्डिंग चौराहे स्थित बुद्धि के लग्जरी गैरेज वाली मल्टी के तीनों फ्लोर पर अजय मुकेश के पार्टनर बेफिक्री से चिटफंड कर डिमैट अकाउंट, डब्बा ट्रेडिंग (ऑफलाइन अकाउंट) के माध्यम से करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। जानकारी तो ऐसी भी है, कि करीब 97 बच्चे इस मल्टी में काम करते हैं और इन बच्चों ने फरवरी माह में ही करीब 1 करोड़ 7 लाख की ठगी कर डाली है।
देखा जाए तो अजय मुकेश ने जब एक माह में इतनी ठगी कर दी तो साफ है, की धार्मिक नगरी उज्जैन में सैकड़ों एडवाइजरी ऑफिस जिम्मेदारों की आंख के नीचे संरक्षण में चल रहे हैं। वैसे आप पाठक खुद इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि शहर में यह एडवाइजरी कितना धन ठग रही होगी…!
अब जान लीजिए उन 9 पार्टनर के बारे में…
बुद्धि के गेरीज वाली बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर कृतिका शर्मा व सुनील रावल काम संभालते हैं वही आदिल खान और प्रीतम डाबिया सेकंड फ्लोर पर हर्षित वैष्णव, शुभम प्रजापत, अनिकेत वर्मा तीसरे फ्लोर पर एडवाइजरी का काम संभालते हैं। दरअसल यह पर्दे के पीछे के चेहरे हैं जिनकी जानकारी हमें हमारे सूत्रों द्वारा उपलब्ध हो पाई है यह सभी पार्टनर अजय पवार, मुकेश मालवीय के वही छुपे राज है जिन्हें हम आपके सामने रख रहे हैं। अजय मुकेश का एक समय था कि किसी वक्त साइकिल से घूमते थे मुकेश के पिता मजदूरी व अजय के पिता प्लंबर थे। लेकिन कोरोना काल इनके लिए नए मौके ले आया व इनका समय बदला एडवाइजरी के धंधे के कारण अब यह जमीनों के मालिक व सौदागर बन भी गए है।
मुकेश मालवीय का दूसरा ऑफिस और भी है…
सूत्र बताते हैं कि डीआईजी ऑफिस यातायात के करीब भी इन्होंने एक ऑफिस और खोल रखा है जिसे विकेश जोनाथन, आकाश व सुरेंद्र सिंह राजपूत चला रहे हैं। खास बात यह है कि इन पर कारवाई करने वाले ही इनके संरक्षण बनकर बैठे हैं।
अगले अंक में पढ़ें… और बड़ा खुलासा वह कौन से खाते हैं, जिनमें मैनेजर की कृपा मिलीभगत से निकलता है पैसा।